Good Friday
Best life l pr. surendra bandhav (bina) यीशु द्वारा क्रूस पर कहे गये अंतिम सात वचन ''जब वे उस जगह जिसे खोपड़ी कहते हैं पहुंचे, तो उन्होंने वहां उसे और उन कुकिर्मयों को भी एक को दाहिनी और और दूसरे को बाईं और क्रूसों पर चढ़ाया'' (लूका २३:३३) यीशु की शारीरिक पीडा बहुत कष्टकारी थी। यह कोडे मारने से प्रारंभ हुई थी जिससे चमडी छिल कर गहरे घाव बन जाते थे। कई लोग तो ऐसे कोडे खाते खाते ही मर जाते थे। फिर, उन्होंने कांटो का ताज उनके सिर पर पहना दिया। उनकी कटपटी में गहरी सुईयां मानो गड गयी और पूरा चेहरा रक्तरंजित हो गया। उन्होंने उनके चेहरे पर थप्पड मारे, मुंह पर थूका, अपने हाथों से उनकी दाडी के बाल उखाडे । फिर उन्होंने उनके उपर क्रूस लाद दिया कि यरूशलेम की गलियों में से लेकर चले और कलवरी पर जहां उन्हें क्रूस पर चढाया जाना था, वहां पहुंचे। अंतत उनके हाथों में जहां कलाई और हथेली का जोड होता है और पैरों में कीलें ठोक दी गयीं। इस तरह कीलों से ठोककर उन्हें क्रूस पर चढाया गया। बाइबल का वचन है, ''जैसे बहुत से लोग उ
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