मसीह कलीसिया का दुलहन

 मसीह कलीसिया का दुलहन

                                                     pr surendra bandhav


 


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Reading Time: 5 mint कलिशिया मसीह कि दुल्हन हैं इसके बारे में या ये अलंकार जो है पौलुस ने इफिसियों की पत्री में इस शब्द का जिक्र करता हैं। इफिसियों 5:22-23 जब पौलुस पति और पत्नी कर विषय में समझता है। तब वहाँ पर  पौलुस इस भेद को कलीसिया मसीह की दुल्हन है बताता हैं। 

कलीसिया और मसीह 

कलीसिया मसीह की दुल्हन

कलीसिया मसीह की दुल्हन है। और जैसा पत्नी अपने पति के अधीन रहती हैं और पति पत्नी का सिर हैं ठीक वैसे ही कलीसिया को मसीह के अधीन रहना है और मसीह कलीसिया का सिर है। जैसे पति के बीच में एक एकता होती है प्रेम होता है वैसे ही कलीसिया के मसीह के प्रति प्रेम है। 


जब भी जोई जन यीशु मसीह को अपने उद्धारकर्ता के रूप में ग्रहण करता है। वह जन उसी समय मसीह की देह यानि के कलीसिया में जुड़ जाता हैं। वह मसीह की दुल्हन के साथ की हड्डी और मांस में जुड़ जाता है इफिसियों 5:30; एक व्यक्ति को अपनी पत्नी से वैसे ही प्रेम करना चाहिए जैसे मसीह ने कलीसिया से प्रेम किया है इफिसियों 5:25।   

मसीह ने जो प्रेम कलीसिया से किया है वह मनुष्य की समझ से बहुत ही परे है। मसीह का प्रेम कलीसिया के लिए इतना अद्भुत है कि मसीह के उस प्रेम को एक विवाहित प्रेम के लिए भी एक मिसाल बना दिया गया हैं। बहुत ही कम है कि पति ने अपनी पत्नी को ऐसा प्रेम किया हो जैसा मसीह ने कलीसिया से किया है। 


क्योंकि मसीह ने उन से प्रेम न किया जो उसको प्रेम करते थे (जोकि संभव ही नहीं है क्योंकि कोई भी परमेश्वर को खोजने वाला नहीं है) बल्कि तब हम से प्रेम किया जब हम पापी और बुरे थे रोमियो 5:8-10

मसीही ने कलीसिया से इसलिए प्रेम नहीं किया कि वह प्रेम के योग्य थी परंतु उसको बनाने के वैसा बनाने के लिए प्रेम किया  

वेसटकोट्ट

अब थोड़ी से प्रष्टभूमि को समझना यहाँ पर समझना है। जो हमको मसीह के कलीसिया के प्रति प्रेम को समझने में सहायता करेगा। उस समय में जब भी को व्यक्ति किसी लड़की से शादी करता था तो लड़के को लकड़ी के पिता को या भाई को कुछ देना होता था। 


अब सारी सृष्टि मसीही यीशु की है। लेकिन यीशु मसीह ने इस संसार के धन को कलीसिया के लिए नहीं नहीं दिया बल्कि खुद को ही सम्पूर्ण रीति से दे दिया इस से बढ़कर कोई भी प्रेम नहीं कर सकता। ऐसा प्रेम जो सारी मानवजाति की समझ से परे है इफिसियों 3:19। 


दुल्हन की जिम्मेदारी

कलीसिया मसीह की दुल्हन

कलीसिया मसीह की दुल्हन है। ये बात सिर्फ यहीं पर खत्म नहीं हो जाती है कि कलीसिया मसीह की दुल्हन है अब तो सब ओके है। लेकिन ऐसा नहीं है। जैसे विवाह के बाद दुल्हन कि बहुत सारी और नए जिम्मेदारियाँ आ जाती है ठीक वैसे ही कलीसिया की यीशु मसीह ओर बहुत-सी जिम्मेदारियाँ है। 

कलीसिया मसीही की दुल्हन :प्रेम और आज्ञाकारिता 

कलीसिया मसीही की दुल्हन है तो उसकी सबसे पहली जिम्मेदारी हैं वो है मसीह को प्रेम करना।यूहन्ना भी इस बात को कहता है कि हम उसको प्रेम करते है क्योंकि फाके उसने हम से प्रेम किया 1 यूहन्ना 4:19.  यूहन्ना के सुसमाचार में यीशु मसीह ने खुद कहा कि प्रेम कि पहचान है आज्ञाकारिता। यदि आप सच में मसीह की दुल्हन के साथ जुड़े है तो आपकी आज्ञाकारिता मसीह के प्रति आपके प्रेम को जाहिर करती है। 

कलीसिया मसीह की दुल्हन है और जैसे पत्नी पति के अधीन रहती है ठीक उसी तरह से कलीसिया को मसीह के अधीन रहना है इफिसियों 5:24। कलीसिया का हर जन मसीह कि अधीनता के अधीन है। उनका अधिकार और प्रधानता सब मसीह ही में है। जो कलिसीय के अगुवे है उसके विचार मसीह के विचार होने चाहिए। उनके फैसले मसीह के फैसले होने चाहिए। जिस तरह से स्त्री को मनुष्य की महिमा कहा गया है ठीक वैसे ही कलीसिया मसीह के इस संसार में महिमा है 1 कुरिनथियों 11:7 । 

2 कुरिनथियों 11:2  में पौलुस उस जलन को आप देख सकते है वो कलीसिया को किस तरह से शैतान और इस संसार के बुरे लोगों से बचा कर रखना चाहता है। वह कलीसिया को एक “पवित्र कुआँरी के समान रखना चाहता है” ताकि शैतान कलीसिया के लोगों को बहका कर उनके समर्पण से अलग ना कर दे। 

भविष्य में एकता 


2 कुरिनथियों में आप ने पढ़ा कि कलीसिया की मसीह से माँगनी हुई है। तो इसका अर्थ ये हुआ कि अभी विवाह बाकी है। लेकिन वही लेखक इफिसियों में 5:28-33 बताता है कि कलीसिया मसीह की दुल्हन है और मसीही और कलीसिया का उधारण  देकर पौलुस पति और पत्नी को समझता है।  

तो इसको लेकर बहुत सारे मेरे भाई बहन जो है सोच सकते है कि शायद पौलुस समझ नहीं पाया कि वह क्या लिख रहा हैं लेकिन ऐसा नहीं हैं। इसको आप ऐसे समझ सकते है कि कलीसिया मसीह की दुल्हन स्थिति में और भविष्य में उसका प्रगट रूप में मिलन होगा। अभी कलीसिया की दुल्हन होने की स्थिति संसार के लोगों और उनको आँखों से छिपी हैं। जैसे ही मसीह इस संसार में अपनी महिमा में जाहिर होगया वैसे ही कलीसिया भी मसीह के साथ अपनी  महिमा में प्रगट होगी। कलीसिया और मसीह का रिश्ता भी यहूदीओं के विवाह की तरह ही हैं। उन में भी पहले माँगनी होती है। जब माँगनी होती है तो वह स्त्री उस पुरुष की पत्नी ही होती है। और उसको स्त्री को अपने पति के विश्वासयोग्य और पवित्र रहा है। ठीक वैसे ही कलीसिया का मसीह के प्रति ये जिम्मेदारी है कि वो पवित्रता और विश्वशयोग्ता के साथ अपने जीवन का निर्वाह करें। जब रक मसीह अपनी दुल्हन को लेने के लिए नहीं आता हैं। 

1 थिस्सलुनीकियों 4:16-17 में पौलुस बताता ये कैसे होगा।  “16 क्योंकि प्रभु आप ही स्वर्ग से उतरेगा; उस समय ललकार, और प्रधान दूत का शब्द सुनाई देगाd, और परमेश्वर की तुरही फूँकी जाएगी, और जो मसीह में मरे हैं, वे पहले जी उठेंगे। 17 तब हम जो जीवित और बचे रहेंगे, उनके साथ बादलों पर उठा लिए जाएँगे, कि हवा में प्रभु से मिलें, और इस रीति से हम सदा प्रभु के साथ रहेंगे”

जब कलीसिया मसीह के साथ अपने घर पहुंचेगी तब जाकर वास्तविक विवाह मनाया जाएगा। और प्रकाशितवाक्य 19:7-9 में वो विवाह का भोज के विषय में बताता है। जहाँ पर कलीसिया का विवाह मसीह के साथ हो चुका है। उस समय कलीसिया मसीह के साथ उस सिद्ध संगति के आनंद को मसीह के राज्य में देखेगी। 

निष्कर्ष 

आज आप ने देखा कि कलीसिया मसीह की दुल्हन है। जैसे की  पौलुस ने अपनी पत्रियों में बताया है। और कलीसिया मसीह की दुल्हन है तो इसके साथ कलीसिया कि कुछ जिम्मेदारियाँ भी है जो हमको इस संसार में रहते हुए पूरी करनी हैं। वो है मसीह के प्रति प्रेम, विश्वासयोग्ता अधीनता और पवित्रता। मैं उम्मीद करता हूँ कि आपको ये विषय की कलीसिया मसीह की देह है सम्पूर्ण रीति से समझ में आ गया होगा। 

इसको दूसरे भाई बहनों के साथ भी सांझा करें ताकि वे भी कलीसिया मसीह की दुल्हन है इस के महत्त्व को समझ सकें

धन्यवाद

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