सच्ची प्राथना
भाइयों और बहनों, हम परमेश्वर पर विश्वास करने के बाद से हर दिन प्रभु से प्रार्थना करते हैं। लेकिन क्या आपने समस्या को खोजा है? कई बार हम परमेश्वर से प्रार्थना करते हैं, लेकिन हमें परमेश्वर की ओर से प्रतिक्रिया नहीं मिलती है। क्या आप इस समस्या को हल करना चाहते हैं? वास्तव में, केवल तभी जब हम परमेश्वर की वर्तमान इच्छा और मांगों के अनुरूप प्रार्थना करते हैं, हम परमेश्वर की स्तुति और आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं। निम्नलिखित बाइबल छंद पढ़ें प्रार्थना से संबंधित और लेखों को पढ़ें और आपको परमेश्वर द्वारा सुनी गई प्रार्थनाओं को करने का तरीका मिलेगा।
"तुम माँगते हो और पाते नहीं, इसलिए कि बुरी इच्छा से माँगते हो, ताकि अपने भोग विलास में उड़ा दो" (याकूब 4:3)।
"इसलिए तुम चिन्ता करके यह न कहना, कि हम क्या खाएँगे, या क्या पीएँगे, या क्या पहनेंगे? क्योंकि अन्यजाति इन सब वस्तुओं की खोज में रहते हैं, और तुम्हारा स्वर्गीय पिता जानता है, कि तुम्हें ये सब वस्तुएँ चाहिए। इसलिए पहले तुम परमेश्वर के राज्य और धार्मिकता की खोज करो तो ये सब वस्तुएँ तुम्हें मिल जाएँगी" (मत्ती 6:31-33)।
"और मैं तुम से कहता हूँ; कि माँगो, तो तुम्हें दिया जाएगा; ढूँढ़ो तो तुम पाओगे; खटखटाओ, तो तुम्हारे लिये खोला जाएगा" (लूका 11:9)।
"परमेश्वर आत्मा है, और अवश्य है कि उसकी आराधना करनेवाले आत्मा और सच्चाई से आराधना करें" (यूहन्ना 4:24)।
"फिर मैं तुम से कहता हूँ, यदि तुम में से दो जन पृथ्वी पर किसी बात के लिये जिसे वे माँगें, एक मन के हों, तो वह मेरे पिता की ओर से जो स्वर्ग में है उनके लिये हो जाएगी" (मत्ती 18:19)।
"और जब तू प्रार्थना करे, तो कपटियों के समान न हो क्योंकि लोगों को दिखाने के लिये आराधनालयों में और सड़कों के चौराहों पर खड़े होकर प्रार्थना करना उनको अच्छा लगता है। मैं तुम से सच कहता हूँ, कि वे अपना प्रतिफल पा चुके" (मत्ती 6:5)।
"परन्तु जब तू प्रार्थना करे, तो अपनी कोठरी में जा; और द्वार बन्द कर के अपने पिता से जो गुप्त में है प्रार्थना कर; और तब तेरा पिता जो गुप्त में देखता है, तुझे प्रतिफल देगा" (मत्ती 6:6)।
"प्रार्थना करते समय अन्यजातियों के समान बक-बक न करो; क्योंकि वे समझते हैं कि उनके बार-बार बोलने से उनकी सुनी जाएगी" (मत्ती 6:7)।
"इसलिए मैं तुम से कहता हूँ, कि जो कुछ तुम प्रार्थना करके माँगो तो विश्वास कर लो कि तुम्हें मिल गया, और तुम्हारे लिये हो जाएगा" (मरकुस 11:24)।
"जागते और प्रार्थना करते रहो कि तुम परीक्षा में न पड़ो। आत्मा तो तैयार है, पर शरीर दुर्बल है" (मरकुस 14:38)।
Rev surendra bandhav
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